Explore a selection of thought-provoking quotes from Guru Ji to inspire and uplift your spirit.





































धर्म कर्म करना धर्म है ! पर कौन सा कर्म ?कर्तव्य कर्म अर्थात करने योग्य कर्म और वह है-निष्काम कर्म !आत्म साक्षात्कार [आत्मज्ञान प्राप्ति ] हेतु किया हुवा कर्म ही निष्काम कर्म है ,बाकी सब सकाम कर्म है !सांसारिक निर्वाह के लिए जो कर्म किया जाता है उसे उपजीविका कहते है ! व आत्म साक्षात्कार …
आत्मा निरपेक्ष भाव से कर्तव्य करिये, जगत में रहना है, नही रहकर भी रहना है, न कोई स्त्री है, न पुरुष है, न बेटा है न बेटी है, सब आत्मायें है।ऐसी धारणा ही समत्व योग कहलाती है। शरीर का परिवर्तन है, आत्मा तो सर्वव्यापक है, तो आना जाना कहाँ है?एनर्जी स्थायी नहीं है, अस्थायी है …
दीक्षा दीक्षा जो सद्गुरु से प्राप्त होती है, वह भावों के गूढ़ रहस्य को समझने की प्रेरणा देती है।समूचा कुछ समझ में न आये तो भी चिंता नहीं कम से कम भाव को तो समझने का प्रयास करें।यह सब भी अभ्यास से होगा, अभ्यास से मुँह मत मोड़ो, सभी को शांति अनुभूति आनन्द और जो …
ये स्वर्ण संधि है ये स्वर्ण संधि है ,इसे नहीं छोड़ना चाहिए ! दिया तो अवश्य जलाना चाहिए। आगे मत बढ़ो, समाधि में मत जाओ, कहीं भी मत जाओ लेकिन दिया तो जलाइये। बोलते है न भई सायंकाल हो गया अपने अपने देव घर में दिया जलाओ। देवघर क्या है देव तो इसके अंदर है …
श्री गुरुजी वासुदेव रामेश्वर जी तिवारी
सर्वधर्माम परित्यज्य मामेकम शरणम ब्रज ! ब्रज मायने आवो नहीं जावो होता है ! धर्म मायने धारणा ,अर्थात सभी प्रकार के धारणा को त्याग के मुझ मायने आत्मा [अंतर-आत्मा ]अर्थात अपने शरण में जावो ,आत्मा ही सदगुरु है जो हमारे भीतर शक्ति रूप में विराजमान है, वो सर्वत्र कण-कण में है, व सबसे निकट हमारे …
Explore a selection of thought-provoking quotes from Guru Ji to inspire and uplift your spirit.
आत्म-साक्षात्कार आत्म-साक्षात्कार के बाद मैदान में उतारो, कोई हाथ नहीं पकड़ता ! कुलं पवित्रं जननी कृतार्था, वसुन्धरा पुण्यवती च तेन ।अपारसंवित्सुखसागरेऽस्मिन् , लीनं परे ब्रह्मणि यस्य चेत: ॥ इसके बाद मनुष्य, पूर्णत: निर्विकार, ज्ञान और सामर्थ् में पूर्ण होता है, वो होनी को अनहोनी और अनहोनी को होनी करने में समर्थ होता है, अष्ट सिद्धि, …
We have the honour and permission from Mr. A K Kurian to present the biography of Sri Wasudeo Rameshwar Tiwari to our beloved readers. The biography A Dip into Divine Confluence Biography of a Yogi is a deep dive into the life and teachings of Guruji.
shrī guru charan saroj ruj, nij man mukuru sudhari।baranau raghuber bimal jasu, jo dayaku phal chari॥ Explanation- Word-wise interpretation- shrī guru charan saroj ruj,…. Means, The Tejas is the Shakti. The literal meaning is ‘full of light’. This ‘light’ is not an indication of a torch or fire, but the Eternal Illumination. Guru is tejasvi. …