Dharma – My Opinion

धर्म (जो मैने समझा) धर्म क्या है ? हिन्दू ! मुस्लिम ! सिक्ख !इसाई! यहूदी आदि-आदि ! धर्म का सीधा अर्थ ले, कर्तव्य अर्थात करने योग्य कर्म! अब विचार करें, करने योग्य कर्म अर्थात ‘‘धर्म’’ क्या है? गोस्वामी तुलसीदास जी कहते है- परहित सरिस धरम नहि भाई, परपीड़ा सम नही अधमाई ।। परहित अर्थात दूसरों …

Dharma – My Opinion

धर्म (जो मैने समझा) धर्म क्या है ? हिन्दू ! मुस्लिम ! सिक्ख !इसाई! यहूदी आदि-आदि ! धर्म का सीधा अर्थ ले, कर्तव्य अर्थात करने योग्य कर्म! अब विचार करें, करने योग्य कर्म अर्थात ‘‘धर्म’’ क्या है? गोस्वामी तुलसीदास जी कहते है- परहित सरिस धरम नहि भाई, परपीड़ा सम नही अधमाई ।। परहित अर्थात दूसरों …