निराकार
निर्गुण सगुण होकर साकार होता है।साकार-सा+आकार।सा=वह।वह शक्ति जो कार्य करती है।कार, कुरु(धातु)से बना है।कार><कारि=कार्य।निर्गुण होते हुए वह गुणयुक्त है।जब निर्गुण है,जब गुण नही,तब क्या है?निराकार है।फिर वह क्या है?वह शक्ति है।क्योंकि शक्ति निराकार होती है।उसका कोई रूप(आकार)नहीं है।तब ये रचना कैसी ?वह ,शक्ति से सगुण है।स=वह।गुण=गुण।गुण ही शक्ति है।उदाहरणार्थ-जब तक साधक अध्ययनरत होता है तब …
