वचन
गुरु अर्थात सदगुरु ! सत मायने आत्मा , आत्मा परम है इसलिए परमात्मा कहते है , कुंडलनी , भगवान , ईश्वर भी कहते है , ये ही सदगुरु है ! जो सम्पूर्ण चराचर में शक्ति रूप में विद्यमान है ! वो निर्गुण निराकार ,प्रकाश- ज्योतिस्वरूप है ! कहा गया है ,आत्मा स्वयं ज्योतिर्भवती ! अलाल्ह …