आत्मोद्धार
जहाँ से हम आये है,वही हमे जानना है,वही कर्तव्य है और यही धर्म है ।जब तक तुम्हे आत्मा सर्वज्ञ है,पर भरोसा नही होगा, जब तक तुम अपने आत्मा पर भरोसा नही करोगे,तब तक तुम मारे मारे फिरोगे,कुछ भी हाथ में नही आयेगा, चाहे तुम कितना ही सेक्रिफाइस करो,कितना ही बाटो, स्वर्ग नर्क के सिवाय छुटकारा …