त्यागी
एको अपि कृष्णस्य कृतः प्रणामो दशाश्वमेधाभृतेन तुल्यः दशाश्वमेधि पुनरेति जन्म कृष्णा प्रणामी न पुनर्भवाय !!अर्थात् -एक बार भगवान् कृष्ण को सही धारणा से प्रणाम [स्मरण] कर लिया तो उसकी तुलना दस अश्वमेध यज्ञ करने वाले से भी नहीं हो सकता है ! किन्तु इन दस अश्वमेध यज्ञ करने वाला का मुक्ति नहीं होता अर्थात् पुनर्जन्म …