Trayodashi – A streak of crescent
Arunodaya — Vairāgya & Niṣṭhā | Poem & Notes ENGHINDI व्याख्या भोर की ओर मैंने दृष्टि उठाई तो एक पतली चंद्रकला दिखाई दी। दूर पर्वतों ने जैसे माँ के मस्तक की रेखाएँ उकेर दी और उनकी स्नेही आँखों में परमानंद ठहरा हुआ है। वह त्रयोदशी का चंद्रमा माँ के ललाट पर जड़ी बिंदी-सा प्रतीत हुआ। …
