निर्विकार
हमारे अंधकार को मिटाकर जो हमें प्रकाश में ला दे,ज्ञान करा दे,बोध करा दे,आत्मबोध करा दे- उसको सतगुरु कहते है। एक सत् के सिवाय और कुछ नहीं है,ये ही सत है।आत्मा ही सत् है।तत्सत उसी का नाम ऊं है। आप अपनी कुंडलिनी याने आत्म शक्ति को जगाइये।आप शक्तिमान बनें, ज्ञानी बनें।इसलिए बार बार जन्म मिलता …