विश्वास

वेदांत में भी घुसने पर भी साधुओं के वर्ग है।तीन केंद्र तक तो मायावी केंद्र है, भू, भुर्व, स्वः ये तीनों माया है।ये रावण, कुंभकरण,कंस आदि ये यही तक रहें। उसके बाद फिर वो अवधूत होता है जैसे दत्तात्रेय आदि।उसके बाद वो ऊपर चले जाये तो क्या कहते है, उसको,फिर संत होते है।तरण तारण मृत्यु …

विश्वास

वेदांत में भी घुसने पर भी साधुओं के वर्ग है।तीन केंद्र तक तो मायावी केंद्र है, भू, भुर्व, स्वः ये तीनों माया है।ये रावण, कुंभकरण,कंस आदि ये यही तक रहें। उसके बाद फिर वो अवधूत होता है जैसे दत्तात्रेय आदि।उसके बाद वो ऊपर चले जाये तो क्या कहते है, उसको,फिर संत होते है।तरण तारण मृत्यु …

Give off

There are three places worth to be visualized.  Sri Krishna was narrating these points to the people. People asked him the way he responded in any kind of exchange based on give-and-take. He replied that he received and gave equally. He gave an example saying that he supplied cloth to Draupadi when she faced harassment in court. But, …