प्रवचन

ज्योति-प्रकाश पर्व ,दीपावली की शुभकामनाएं –आत्मा स्वयं ज्योतिर्भवति !ईश्वर का निराकार स्वरूप है, प्रकाश-ज्योति- नूर-Light !भाषा भिन्न है पर वो है एक ही ! सम्पूर्ण चराचर इन्हीं के प्रकाश से प्रकाशित -सुंदर -सुगन्धित है , चैतन्य है, समर्थ है !—-नाम रूप भिन्न है ,पर सब में सर्वत्र ,घट-घट, विश्व के अणु-रेणु में व्याप्त है, इसलिए …

प्रवचन

ज्योति-प्रकाश पर्व ,दीपावली की शुभकामनाये –आत्मा स्वयं ज्योतिर्भवती !ईश्वर का निराकार स्वरूप है, प्रकाश-ज्योति- नूर-Light !भाषा भिन्न है पर वो है एक ही ! सम्पूर्ण चराचर इन्ही के प्रकाश से प्रकाशित -सुंदर -सुगन्धित है , चैतन्य है,समर्थ है !—-नाम रूप भिन्न है ,पर सब में सर्वत्र ,घट-घट,विश्व के अणु-रेणु में व्याप्त है, इसलिए विष्णु भी …

एकत्व

भक्त भक्ति भगवंत गुरु चतुर नाम बपु एक। इनके पद बंदन किए नासहिं बिघ्न अनेक॥ भगवान् श्री राम हनुमान जी से पूछते हैं-हे हनुमान ,मुझमें और तुझमें क्या अंतर है? हनुमान जी कहते हैं -प्रभु! लौकिक दृष्टी से आप स्वामी, मैं सेवक, आप भगवान मैं भक्त हूँ ! और तात्विक दृष्टी से जो आप हैं …