एकत्व
भक्त भक्ति भगवंत गुरु चतुर नाम बपु एक। इनके पद बंदन किए नासहिं बिघ्न अनेक॥ भगवान् श्री राम हनुमान जी से पूछते है-हे हनुमान ,मुझमे और तुझमे क्याअंतर है? हनुमान जी कहते है -प्रभु लौकिक दृष्टी से आप स्वामी मै सेवक, आप भगवान मै भक्त हूँ ! और तात्विक दृष्टी से जो आप है वही …